प्रकृति हमारे चारों ओर का प्राकृतिक संसार है। इसमें पेड़, पौधे, जानवर, नदी, पहाड़, और आसमान शामिल हैं। प्रकृति हमें स्वच्छ हवा, पानी, और भोजन देती है, जो हमारे जीवन के लिए जरूरी हैं। इसकी सुरक्षा करना न केवल हमारा
Nature Shayari in Hindi 2024 | Environmental Special Shayari
Best Slogan on Environment
बहुत मजबूत होती है जड़े उनकीजो प्रकृति से जुड़ाव रखते हैंवे अभावों में नहीं जीतेजो इससे खास लगाव रखते हैं
Shayari for Nature in Hindi
Nature Quotes in Hindi Shayari
नामुमकिन तो नहीं
दरख़्त पर हिंदी शायरी
नामुमकिन तो नहींखिज्र में बहार का आनाहौसलों की बारिश सेगर दरख़्तों को सींचा जाए
पर्यावरण पर खूबसूरत हिंदी शायरी
दरख्तों को तलाश
दरख़्तों को भी अब तलाश छांव की है।यह सारी गलती बस जलते पांव की है।।
आज दरख़्तों ने खुदा सेकुछ शिकायत दर्ज करवाई हैचंद सांसों और दो बूंद पानी कीअर्ज लगाई है
Best Environment Shayari, Slogan, Quotes in Hindi
पर्यावरण एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हमारे धरती की सुरक्षा और संतुलन को संरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। प्रदूषण, जंगलों का कटाव, जलस्रोतों का प्रदूषण, औद्योगिकीकरण, और जनसंख्या वृद्धि जैसे मुद्दे हमारे पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं। इन समस्याओं का समाधान हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपनी संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए, प्रकृति की सुरक्षा के लिए पेड़ लगाना चाहिए, और अधिकांश ईंधन स्रोतों को विकसित करने के लिए नवाचार करना चाहिए। पर्यावरण शायरी हमारी तरफ से लोगों को जागरूक करने का एक छोटा सा कदम है।
Nature Love Shayari in Hindi
तिनका-तिनका जोड़ आशियाना सजाए रखते हैं यह नादान पंछी तो हमसे भी जानकार हैं जो पतझड़ से भी नाता बनाए रखते हैं
Tinka tinka jod aashiyana sajaye rakhte hain ye nadan Panchi to humse bhi jhankar Hain Jo patjhad se bhi nata banae rakhte Hain
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पर्यावरण दिवस शायरी
Shayari Nature in Hindi
बारिशों में जाकर
पतंगे उड़ा क्यों नहीं लेते
खारे समंदर को शरबत सा
बना क्यों नहीं लेते
तुम्हें गुमां है खुद पर
खुदा सा होने का
तो जा
हवा
पानी
धूप
दिन
रात
मौसम
जमीन
आसमान
से अलग
अपना खुद का जहां
बना क्यों नहीं लेते***
patange uda kyon nahin lete
khaare samandar ko sharabat sa
bana kyon nahin lete
tumhe gumaan hai khud par
khuda sa hone ka
to jaa
hawa
paani
dhuup
din
raat
mausam
jameen
aasmaan
se alag
apana khud ka jahaan
bana kyon nahin lete
***
…… ‘अनु-प्रिया’