प्यार वह खूबसूरत एहसास है जिसे न तो परिभाषित किया जा सकता है और न ही धन देकर खरीदा जा सकता है। प्रेम आत्मा से आत्मा का जुड़ाव होता है। यह गजल एक लड़की के प्रेम पर आधारित है जो वह अपने बचपन के मित्र से करती है। पर वह उसकी इस भावना को दोस्ती से अधिक कुछ और नहीं समझता और न ही समझना चाहता है। लड़की समझ नहीं पाती कि वह अपने प्रेम का इजहार कैसे और किस तरह से करें। उसकी इन्हीं भावनाओं को इस ग़ज़ल में उतारने की कोशिश की गई है। हमें आशा है कि आपको अनुप्रिया द्वारा रचित Dard Bhari Emotional Sad Gazal in Hindi | दर्द भरी हिंदी ग़ज़लें 2024 अवश्य पसंद आएंगी
दर्द भरी हिंदी ग़ज़लें|Best Emotional Sad Hindi Ghazal
Shayari ghazals
नई गजलें गम भरी
पीर मेरी
मन की जंजीरों से बांध रखी है तस्वीर तेरी
कैसे कहूं, किससे कहूं, दिल की लगी पीर मेरी।
जमाने भर से तो चुरा के रख लूं तुम्हें इन निगाहों में
मगर तुझको ही अखरती है यह तकरीर मेरी।
बहुत खास हो तुम, शायद ये पता नहीं तुझे
आगे-पीछे तेरे ही तो डोलती है तकदीर मेरी।
पतझड़ भी मुस्कुराता है बहार सा जब
जिगर में गुलाब सी महकती है तासीर तेरी।
एहसासों को उतारती हूं जब भी किसी पन्ने पर
न जाने क्यों समझ नहीं पाता तू तहरीर मेरी।
तबाही दिल की मेरी किसी अपने की खातिर
किसी इमारत पर लिखवा देना यह ताबीर मेरी।
चाही थी पैमाइश दोस्ती से आगे बढ़कर भी
पर अनु न कर पाई गिरफ्त दिली जागीर तेरी।
……. ‘अनु-प्रिया’
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Dard Bhari Hindi Gazal /Poem/ Poetry/ Kavita in Hindi
Peer meri
man ki janjiron se baandh rakhi hai tasveer teri
kaise kahun, kisse kahun, dil ki lagi peer meri.
kaise kahun, kisse kahun, dil ki lagi peer meri.
jamaane bhar se to chura ke rakh lun tumhen in nigaahon me
magar tujhako hi akharati hai yah takarir meri.
magar tujhako hi akharati hai yah takarir meri.
bahut khaas ho tum, shaayad ye pataa nahiin tujhe
aage-pichhe tere hi to ḍolati hai takdir meri.
aage-pichhe tere hi to ḍolati hai takdir meri.
patajhad bhi muskurata hai bahaar sa jab
jigar men gulaab sii mahakati hai taasir teri.
jigar men gulaab sii mahakati hai taasir teri.
ehasaason ko utaarati huun jab bhi kisi panne par
na jaane kyon samajh nahin pata tu taharir meri.
na jaane kyon samajh nahin pata tu taharir meri.
tabaahi dil ki meri kisi apne ki khaatir
kisi imaarat par likhava dena yah taabir meri.
kisi imaarat par likhava dena yah taabir meri.
chaahi thi paimaaish dosti se aage badhakar bhi
par anu na kar paayi girapht dili jaagir teri.
par anu na kar paayi girapht dili jaagir teri.
…….. ‘Anu-priya’
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जुदाई पर गजल
वो मुझसे दूर ऐसे रहता है
जुदाई पर हिंदी शायरी ग़ज़ल
वो मुझसे दूर ऐसे रहता है
वो मुझसे दूर ऐसे रहता है
बस जिंदा हूं यही कहता है
वो है पागल या फिर मोहब्बत में
कुछ-कुछ खोया हुआ सा रहता है
रोज की आदतों में शामिल कर
कितनी ही बार मुझको पढ़ता है
दर्द बढ़ता है जब जुदाई का
मैं बोलती हूं चुप वो सहता है
मायने प्यार के क्या होते हैं
मैं जानती हूं वो समझता है
फूल हंसते हैं, शजर रोते हैं
उसका कहना ये बड़ा अखरता है
उसकी सांसों में महकती हूं मैं
दिल मिरे नाम से धड़कता है
यूं तो संभला हुआ बहुत है वो
अनु की यादों से बस मचलता है
…..’अनु-प्रिया‘
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दर्द भरी गजल शायरी वाली
Gazal
Vo Mujhse Dur Aise Rahata Hai
vo mujhse dur aise rahata hai
bas jinda hun yahi kahata hai
bas jinda hun yahi kahata hai
vo hai paagal ya phir mohabbat me
kuch-kuch khoya hua sa rahata hai
kuch-kuch khoya hua sa rahata hai
roj ki aadaton me shaamil kar
kitni hi baar mujhko padhata hai
kitni hi baar mujhko padhata hai
dard badhata hai jab judaai ka
mai bolti hun chup vo sahata hai
mai bolti hun chup vo sahata hai
maayne pyar ke kya hote hain
mai jaanti hun vo samajhta hai
mai jaanti hun vo samajhta hai
phool hanste hain, shajar rote hain
uska kahna ye bada akharta hai
uska kahna ye bada akharta hai
uski sanson me mahakati hun mai
dil mire naam se dhadakata hai
dil mire naam se dhadakata hai
yuun to sambhla hua bahut hai vo
anu ki yaadon se bas machalata hai
anu ki yaadon se bas machalata hai
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Judaai per best Hindi Gazal
दर्द भरी हिंदी ग़ज़ल/शायरी
जुदाई पर हिंदी गजल
मान ले कैसे
नहीं आओगे मुड़ कर के भला दिल मान ले कैसे
नजर आए तेरी सूरत कि मूरत मान ले कैसे
फिक़र तेरी सताती है कि तू बस ठीक तो है ना
पिघल जाती है ये सांसे, हरारत मान ले कैसे
यह जीवन तुम्हारे बिन सोचकर कांप जाते हैं
तेरी अनदेखियों को दिल शराफत मान ले कैसे
ये दामन भीग जाता है ,धड़कन रुक सी जाती हैं
फक़त तस्वीर में है बस, अनु ये मान लें कैसे
पिघल जाती है ये सांसे, हरारत मान ले कैसे
यह जीवन तुम्हारे बिन सोचकर कांप जाते हैं
तेरी अनदेखियों को दिल शराफत मान ले कैसे
ये दामन भीग जाता है ,धड़कन रुक सी जाती हैं
फक़त तस्वीर में है बस, अनु ये मान लें कैसे
…… ‘अनु-प्रिया’
जुदाई पर दर्द भरी हिंदी गजल-
Maan le kaise
nahin aaoge mud kar ke bhala dil maan le kaise
najar aae teri surat ki murat maan le kaise
phikar teri sataati hai ki tu bas ṭhik to hai na
pighal jaati hai ye saanse, hararat maan le kaise
Ye jivan tumhare bin sochakar kaanp jaate Hain
teri andekhiyon ko dil sharafat maan le kaise
najar aae teri surat ki murat maan le kaise
phikar teri sataati hai ki tu bas ṭhik to hai na
pighal jaati hai ye saanse, hararat maan le kaise
Ye jivan tumhare bin sochakar kaanp jaate Hain
teri andekhiyon ko dil sharafat maan le kaise
ye daaman bhig jaata hai ,dhadakan ruk si jaati hain
fakat tasvir me hai bas, Anu ye maan le kaise
fakat tasvir me hai bas, Anu ye maan le kaise
…… ‘अनु-प्रिया’
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शिकवा-शिकायत पर खूबसूरत हिंदी गजल:
निकले हैं
खुर्शीद तलब के कहे गए शेर,
‘कोई चिराग जलाता नहीं सलीके से
मगर सभी को शिकायत हवा से होती है’
को शायद ही किसी ने नहीं सुना होगा। आज जीवन के हर रिश्ते में इसी का शंखनाद होता दिखाई दे रहा है।
‘बाप- बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया’ की वकालत करने वाले आज लाखों मिल जाएंगे पर बहुमूल्य रिश्तों को सींचने वाले प्राणी लगभग धरती से विलुप्त होते जा रहे हैं। आजकल हर रिश्ता स्वार्थ पर टिका है। संवेदनशीलता, सुख-दुख में साथ रहने की भावना, आपसे स्नेह, और इन सबसे भी बड़ी इंसानियत कहीं न कहीं खोती जा रही है। गलतफहमी,नासमझी, अहंकार और अविश्वास से रिश्तो में दूरियां बढ़ती जा रही है। कितने ही रिश्ते क्रोध की अग्नि में स्वाहा हो जाते हैं। पेड़ों की तरह रिश्तों को भी प्रेम, तालमेल, संयम, विश्वास, आत्मीयता रूपी खाद- पानी की जरूरत होती है।
मेरी यह ग़ज़ल भी नायक-नायिका के बीच हुई अनबन पर आधारित है जिसमें नायक कुछ समय बाद बड़ी समझदारी से काम लेते हुए अपने अहंकार को छोड़ अपने प्रेम की अभिव्यक्ति कर अपने बेजान हुए रिश्ते में फिर से प्राण फूंक देता है। नायक का यही भाव प्रशंसा के योग्य है जो आजकल हर रिश्ते में आवश्यक है। आशा है आप सभी को यह ग़ज़ल बहुत पसंद आएगी। आपको यह गजल कैसी लगी, कृपया कमेंट कर अवश्य बताएं और शेयर भी करें।
सुपरहिट गजल हिंदी
दर्द भरी गजल हिंदी में लिखी हुई
अंधेरी रातों में सुबह ढूंढने निकले हैं,
एक मुकम्मल सी अपने लिए जगह ढूंढने निकले हैं।
घुल गई है नाराजगी रिश्तो में क्यों कुछ इस कदर।
अजी साहब! इसी गुरुर की तो गिरह खोलने निकले हैं।।
आहट भी नहीं होती और हौसलें चटक जाते हैं।
अरे तुम खुद को संभालो! हम तो अपने फिसलने की वजह ढूंढने निकले हैं।।
बांट लेंगे हर कसक हर दर्द , बस तुम यह कहो।
अब बस करो! आप क्या आसमां क्या सतह ढूंढने निकले हैं।।
पोंछ देना हर आंसू अनु के अपने अल्फाजों के फाहों से।
तुम्हारा ही था मैं प्रिये, बस तुम्ही को फतेह करने निकले हैं।।
……. ‘अनु-प्रिया’
दर्द भरी हिंदी गजल
Nikale Hain
andheri raaton men subah ḍhuunḍhane nikale hain,
ek mukammal sii apane lie jagah ḍhuunḍhane nikale hain.
ghul gaii hai naaraajagii rishto men kyon kuchh is kadara.
ajii saahab! isii gurur kii to girah kholane nikale hain..
aahaṭ bhii nahiin hotii owr howsalen chaṭak jaate hain.
are tum khud ko sambhaalo! ham to apane phisalane kii vajah ḍhuunḍhane nikale hain..
baanṭ lenge har kasak har dard , bas tum yah kaho.
ab bas karo! aap kyaa aasamaan kyaa satah ḍhuunḍhane nikale hain..
ponchh denaa har aansuu anu ke apane alphaajon ke phaahon se.
tumhaaraa hii thaa main priye, bas tumhii ko phateh karane nikale hain..
…… ‘anu-priya‘
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